भारतीय दूतावास रियाद में शुरू हुआ ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 नागरिकों को मिलेंगे चिप-युक्त ई-पासपोर्ट
हिंदी समाचार विवरण: भारतीय दूतावास रियाद ने 24 अक्टूबर 2025 को ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 लॉन्च किया। राजदूत डॉ. सुहेल खान ने पहले ई-पासपोर्ट जारी किए, जिससे पासपोर्ट सेवाओं में डिजिटल युग की शुरुआत हुई।
परिचय: भारतीय दूतावास, रियाद ने 24 अक्टूबर, 2025 को ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 (GPSP V2.0) लॉन्च कर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इस नई प्रणाली के तहत अब सऊदी अरब में रह रहे भारतीय नागरिकों को अत्याधुनिक चिप-युक्त ई-पासपोर्ट जारी होंगे। राजदूत डॉ. सुहेल खान द्वारा पहले ई-पासपोर्ट प्रदान किए जाने के साथ ही, भारतीय पासपोर्ट सेवाओं में सुरक्षा और सुविधा के एक नए युग की शुरुआत हुई है। यह कदम भारत सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ पहल को और मजबूती प्रदान करता है।
ग्लोबल पासपोर्ट सेवा 2.0 का शुभारंभ
रियाद में 24 अक्टूबर, 2025 के दिन भारतीय दूतावास ने ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 (GPSP V2.0) का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया । इस अवसर पर दूतावास में एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें राजदूत डॉ. सुहेल खान ने स्थानीय भारतीय समुदाय के सदस्यों को पहले चिप-युक्त ई-पासपोर्ट प्रदान किए। यह संक्रमण पासपोर्ट सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जो विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं प्रदान करेगा।
नई प्रणाली के तहत, 24 अक्टूबर, 2025 के बाद से सभी नए आवेदकों को ई-पासपोर्ट ही जारी किए जाएंगे। हालांकि, इस तिथि से पहले GPSP V1.0 के तहत जमा किए गए आवेदनों पर पुराने प्रारूप के पासपोर्ट ही जारी किए जाएंगे। मौजूदा पासपोर्ट अपनी समाप्ति तिथि तक पूर्ण रूप से मान्य रहेंगे, इसलिए नागरिकों को अपने वैध पासपोर्टों को तुरंत बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है
ई-पासपोर्ट क्या है?
ई-पासपोर्ट पारंपरिक पासपोर्ट का एक उन्नत संस्करण है, जिसमें एक RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप और एंटीना लगा होता है । इस चिप में पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी (नाम, जन्मतिथि, पासपोर्ट नंबर) के साथ-साथ बायोमेट्रिक विवरण जैसे उंगलियों के निशान, आईरिस स्कैन और डिजिटल तस्वीर सुरक्षित रूप से संग्रहीत रहती है ।
इन पासपोर्टों को बाहरी रूप से पहचानना आसान है – इनके सामने के कवर पर पासपोर्ट के शीर्षक के ठीक नीचे एक छोटा सुनहरा प्रतीक छपा होता है । यह चिप कॉन्टैक्टलेस तकनीक से सुसज्जित है और केवल विशेष सिस्टम द्वारा ही पढ़ी जा सकती है, जिससे निजी जानकारी की सुरक्षा सुनिश्चित होती है ।
ई-पासपोर्ट के प्रमुख लाभ
ई-पासपोर्ट यात्रियों के लिए अनेक प्रकार की सुविधाएं और सुरक्षा उपलब्ध कराता है:
| लाभ का प्रकार | विवरण |
|---|---|
| तेज इमिग्रेशन | ई-गेट्स के माध्यम से स्वचालित सीमा पार करना, लंबी कतारों से छुटकारा |
| उन्नत सुरक्षा | नकली बनाना असंभव, बायोमेट्रिक डेटा का सुरक्षित संग्रह |
| अंतरराष्ट्रीय मान्यता | ICAO मानकों के अनुरूप, 140+ देशों में स्वीकार्य |
| पारदर्शिता | पासपोर्ट के उपयोग और जारी करने का आसानी से ट्रैक करना संभव |
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन प्रक्रिया
ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं :
- पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन: सबसे पहले आधिकारिक पासपोर्ट सेवा पोर्टल पर जाकर नया खाता बनाएं या मौजूदा खाते में लॉगिन करें ।
- आवश्यक दस्तावेज: आवेदन के साथ ICAO-मानकों के अनुरूप फोटोग्राफ और हस्ताक्षर की स्कैन कॉपी अपलोड करना अब अनिवार्य है ।
- आवेदन पत्र भरना: सभी आवश्यक जानकारियों के साथ ऑनलाइन आवेदन पत्र भरें।
- शुल्क का भुगतान: ऑनलाइन मोड के through आवेदन शुल्क का भुगतान करें। ई-पासपोर्ट के लिए शुल्क 36 पृष्ठों की पुस्तिका के लिए 1,500 रुपये और 60 पृष्ठों के लिए 2,000 रुपये है ।
- अपॉइंटमेंट बुक करना: अपने नजदीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र पर अपॉइंटमेंट शेड्यूल करें।
- दस्तावेज सत्यापन: निर्धारित तिथि पर केंद्र पर जाकर बायोमेट्रिक दस्तावेजों का सत्यापन कराएं।
महत्वपूर्ण बातें
- मौजूदा पासपोर्ट अपनी एक्सपायरी तिथि तक पूरी तरह मान्य रहेंगे, तुरंत बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है ।
- आवेदन करते समय ICAO-मानकों के अनुरूप फोटोग्राफ अपलोड करना सुनिश्चित करें, नहीं तो आवेदन प्रक्रिया रुक सकती है ।
- 24 अक्टूबर, 2025 के बाद सभी नए पासपोर्ट ई-पासपोर्ट के रूप में ही जारी किए जाएंगे।
भविष्य की योजनाएं
भारत सरकार ई-पासपोर्ट परियोजना के लिए स्वदेशी चिप विकसित करने पर कार्य कर रही है। एलएंडटी सेमीकंडक्टर, सी-डैक और आईआईटी गांधीनगर के बीच हुई साझेदारी का उद्देश्य देश में ही सुरक्षित एकीकृत सर्किट (आईसी) तैयार करना है । यह कदम भारत की तकनीकी स्वतंत्रता और डिजिटल संप्रभुता को मजबूती प्रदान करेगा।
निष्कर्ष
ग्लोबल पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 का रियाद में शुभारंभ विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को मिलने वाली सेवाओं में एक महत्वपूर्ण सुधार है। ई-पासपोर्ट की शुरुआत न केवल यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाएगी, बल्कि भारतीय नागरिकों की पहचान संबंधी सुरक्षा को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाएगी। यह परिवर्तन भारत की डिजिटल क्षमताओं और वैश्विक मानकों के साथ तालमेल बिठाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है।
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