Sultana Parvin Case: Interfaith Marriage Turns Tragic in Purba Bardhaman
कुरमुन-चन्दनपुर (Sultana Parvin Death: Purba Bardhaman) में 27 जून को सुलताना परवीन उर्फ़ साथी नंदी का शव बरामद होने से बंगाल की सियासत और सांप्रदायिक सौहार्द पर बहस छिड़ गई है। आठ महीने पहले हिंदू युवक प्रीतम नंदी से प्रेम-विवाह करने वाली सुलताना की मौत को पुलिस “आत्महत्या” बता रही है, मगर सोशल मीडिया इसे “हत्या” कह रहा है।
8 Months After Interfaith Wedding, Sultana Parvin Found Dead in West Benga
घटना का विवरण सुल्ताना परवीन (या सुल्ताना परवीन के रूप में भी जाना जाता है), एक मुस्लिम महिला, ने लगभग 8 महीने पहले (नवंबर 2024 के आसपास) एक हिंदू व्यक्ति, प्रीतम नंदी से शादी की। उसके परिवार ने शादी का विरोध किया, और उसके भाई साबिर उद्दीन अहमद ने प्रीतम के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराया है। प्रीतम के घर पर 26 जून 2025 को हमला किया गया और अगले दिन 27 जून 2025 को सुल्ताना मृत पाई गई, जिसे शुरू में आत्महत्या माना गया।
हालाँकि, सोशल मीडिया पर हत्या के दावे किए गए हैं, जिन्हें अभी तक सत्यापित नहीं किया गया है।
पुलिस की भूमिका पुलिस की निष्क्रियता के आरोप लगे हैं, विशेष रूप से दावा है कि सुल्ताना ने फेसबुक पर अपनी जान को खतरे के बारे में एक वीडियो पोस्ट किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है।
हालिया अपडेट विस्तृत रिपोर्ट परिचय इस रिपोर्ट में पूर्वी बर्दवान जिले के कुरमुना चंदनपुर इलाके में हुई सुल्ताना परवीन की मौत की विस्तार से चर्चा की गई है।
घटना संवेदनशील है और इसमें धार्मिक मुद्दे शामिल हैं, इसलिए तथ्यों को सत्यापित करना और निष्पक्षता बनाए रखना बहुत महत्वपूर्ण है।
घटना की पृष्ठभूमि सुल्ताना परवीन, एक मुस्लिम महिला ने लगभग 8 महीने पहले (नवंबर 2024 के आसपास) एक हिंदू व्यक्ति प्रीतम नंदी से शादी की थी।
यह शादी उसके परिवार की अनुमति के बिना हुई थी, जिससे परिवार ने विरोध किया था। उनके भाई, साबिर उद्दीन अहमद, जो कथित रूप से तृणमूल कांग्रेस से जुड़े हैं, पर प्रीतम के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कराने का आरोप है।
घटनाओं का क्रम 26 जून, 2025: प्रीतम नंदी के घर पर हमला किया गया, जो कथित तौर पर साबिर उद्दीन अहमद और उनके समूह द्वारा आयोजित किया गया था।
27 जून, 2025: सुल्ताना के माता-पिता को पीटा जाता है और उनकी कार को ससुराल वालों द्वारा तोड़ दिया जाता है जब वे उसे वापस लाने की कोशिश करते हैं।
27 जून, 2025 (रात) या 28 जून: सुल्ताना मृत पाई जाती है, जिसे शुरू में आत्महत्या माना जाता है। हालाँकि, तारीख में कुछ विसंगतियाँ हैं, क्योंकि कुछ रिपोर्ट्स में 26 जून लिखा है, जो शायद गलत है।
पुलिस और प्रवर्तनपुलिस की भूमिका पर विवाद है। डीएनपी इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुल्ताना ने अपनी जान को ख़तरा बताते हुए फ़ेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
हालाँकि, पुलिस ने इन आरोपों का खंडन किया है।
5 जुलाई, 2025 तक कोई नया DNP India सरकारी प्रवर्तन या अपडेट प्राप्त नहीं हुआ है।
विभिन्न दावे और विवादइस घटना को शुरू में आत्महत्या माना गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर हत्या के दावे किए गए हैं। उदाहरण के लिए, @AskPerplexity
(3 जुलाई, 2025) द्वारा की गई एक पोस्ट में कहा गया है कि अलग-अलग रिपोर्ट हैं, जिनमें से एक में आत्महत्या और दूसरी में हत्या बताई गई है।
इन दावों की पुष्टि नहीं की गई है, और यह एक संवेदनशील मुद्दा है, जहाँ अलग-अलग धार्मिक और राजनीतिक दृष्टिकोण हो सकते हैं।
विश्लेषण और निष्कर्ष निम्नलिखित सूची घटना के मुख्य बिंदुओं को सारांशित करती है: विषय
सूचना
घटना का स्थान
कुरमुना चंदनपुर, गलसी 2 ब्लॉक, पुरबा बर्दवान, पश्चिम बंगाल
जिला
पुरबा बर्दवान जिला
दिनांक
26-27 जून, 2025 (अनुमानित, तिथि में अंतर है)
कितने दिन पहले
लगभग 8-9 दिन पहले (5 जुलाई, 2025 तक)
मृत्यु का तरीका
आत्महत्या (प्राथमिक), लेकिन हत्या के दावे उठाए गए, असत्यापित
पुलिस कार्रवाई
आरोप लगाए गए, लेकिन पुलिस ने इनकार किया, कोई नया अपडेट नहीं
इस घटना पर अधिक गहन जांच और सरकारी अपडेट की आवश्यकता है, विशेष रूप से सोशल मीडिया पर उठाए गए विभिन्न दावों को सत्यापित करने के लिए। चूंकि यह एक संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए निष्पक्षता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। निष्कर्षउपरोक्त जानकारी के आधार पर, सुल्ताना परवीन की मौत पुरबा बर्दवान जिले में हुई, और यह धार्मिक विवाह और पारिवारिक विरोध से संबंधित है। हालाँकि, मौत की प्रकृति और पुलिस की प्रतिक्रिया अभी भी स्पष्ट नहीं है।
Sultana Parvin Death: Honour Crime or Suicide? Full Report from Purba Bardhaman
तस्वीर में जो लड़की आप देख रहे हैं, उसका नाम सुल्ताना परवीन है।
लड़की का घर ईस्ट बर्दवान के गलसी 2 ब्लॉक के कुरमुना चंदनपुर इलाके में है
महज 8 महीने पहले ही उसने अपने परिवार से भागकर दूसरे धर्म के प्रीतम नंदी से शादी कर ली थी
लेकिन शादी के कुछ ही महीनों बाद उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।
वह अपनी माँ, पिता और परिवार के पास लौटना चाहती थी
इसी उम्मीद से उसने अपने पिता को पुकारा- “पिताजी, मुझे वापस ले चलो!”
लेकिन सुल्ताना को क्या मिला? जब उसके माता-पिता उसे लाने के लिए उसके ससुराल गए, तो सुल्ताना के ससुराल वालों ने उनके साथ मारपीट की, उनकी कार तोड़ दी और उन्हें भगा दिया।
अगले दिन- सुल्ताना को अब जीने नहीं दिया गया!
उसका शव रस्सी से लटका हुआ मिला!
कल्पना कीजिए अगर घटनाक्रम उलटा होता?
लड़का मुस्लिम है, लड़की हिंदू है-तो अब तक मुख्यधारा का मीडिया, प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया पूरे मुस्लिम समाज को कटघरे में खड़ा कर चुका होता।
हेडलाइन, ब्रेकिंग न्यूज़, पैनल डिस्कशन – सब कुछ होता!
अब वे कहाँ हैं?
एक लड़की मर गई – दो धर्मों के बीच शादी के बाद, उसकी ज़िंदगी खत्म हो गई – इसके लिए उनके पास क्या स्पष्टीकरण है? मुस्लिम समाज की लड़कियों को सबक सीखने की ज़रूरत है।
Sultana Parvin and Pritam Nandi महिला सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़ी एक और चौंकाने वाली घटना पढ़ें:
सुलताना पारवीन की संदिग्ध मृत्यु जहाँ महिलाओं की स्वतंत्रता, धार्मिक असहिष्णुता और सामाजिक दबाव जैसे मुद्दों को उजागर करती है, वहीं भारत के एक ग्रामीण क्षेत्र में मासिक धर्म के दौरान जागरूकता की कमी के कारण हुई एक किशोरी की मौत, हमारे समाज में महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा की भयावह स्थिति को दिखाती है।
दोनों घटनाएँ यह सवाल उठाती हैं कि क्या हमारा समाज महिलाओं को जीने के समान अधिकार दे रहा है?
👉 पूरा रिपोर्ट पढ़ें: मासिक धर्म जागरूकता की कमी से ग्रामीण भारत में किशोरी की मौत
While Sultana Parvin’s death raises alarms about religious intolerance and women’s autonomy in India, the tragic death of a rural teen during her first menstruation reveals another crisis — lack of awareness, education, and healthcare for young girls.
Both stories reflect how structural neglect continues to cost young women their dignity — and sometimes their lives.
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